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Sunday, August 28, 2016



ओस 

निशा को घाम की तपन धर धरा सो गयी ,
अजब आह भी,...  दिल में दबा धरा सो गयी !
कहूँ क्या ?? अरुणिम नभ था तम के जाते ही , ,,,
चमकती ओस माला देख धरा खो गयी !!...... तनुजा ''तनु ''

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