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Monday, August 8, 2016





बादल की बूँद बिटिया,...पराई हुई आज ,
नभ में नगाड़े बजते ,.. गिरती तृष्णा गाज !
गिरती तृष्णा गाज,    शीतल मंद पवन बहे !
अपने मन की बात , चुपके से बिजली कहे !!
जाओ पी के धाम, मन की बजाओ मादल,
आना अपने गाम,  ....जब याद आयें बादल !!....तनुजा ''तनु ''


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