छूकर आसमां को तुम जमीं को भूल ना जाना, चूमकर फूलों का दामन काँटो को तुम भूल ना जाना! बहुत ऊँचा उड़ो आसमान से भी ऊपर तुम , ,, जमीं पर भी अभी चलना है ये तुम भूल ना जाना !!.. "तनु"
दिल मेरा गुनगुना लेगा पतझर में! बहार आ ही जायेगी पल भर में !! मेरे आँसू से क्या प्यास मेरी बुझी! फूल कितने खिलते गए बंजर में !! ये जो दीपक रखा है देहरी पर ! जलता ही जायेगा अपने घर में!! कह दिया था तुमने कि तुम आओगे ! अब जान थोड़ी बची है पिंजर में !! देख इक सितारा भोर का है उगा! ठहरती गयी आँखें उस मंज़र में !!.. "तनु"
तू करीब से होकर गुज़रता रहा! बावरा मन जी जी कर मरता रहा!! तेरा दर ही तो मेरी मंज़िल है! तेरे सिवा मैं कहाँ ठहरता रहा !! मेरी पलकों में तेरे सपन बसे! तूने पूछा तो मैं मुकरता रहा!! ग़म देखे मेरी आरज़ू कब तलक! कयामत के अंजाम से डरता रहा !! कभी तो तू सपन से बाहर आजा ! मैं एक दीया यहाँ जगरता रहा !! .. ''तनु''
दिल कहीं है मुआमला दिल से ! कौन चाहे भला गिला दिल से !! अब हुआ रंज टूटती साँसों का ! जायगा फूट आबला दिल से !! तू किसी को दर्दे इश्क़ मत दे ! खेल नहीं है मुक़ाबला दिल से !! आप करनी पर हँसना रोना ! ये ज़ुबाँ का है'फासला दिल से !! होश कायम नहीं ''तनु''अब तो ! टूट ना जाय हौसला दिल से !! .. "तनु"
ऐ दिल तुझे तलाश करता हूँ ! तू बता क्या तलाश करता हूँ !! लफ़्ज़ तौलकर बोलता कोई ! मैं तआरुफ़ तलाश करता हूँ !!. कारगर असर है मेरे चुप का ! गीत चटख़े तलाश करता हूँ !!
जो सदायें नहीं पुकारेंगी ! वो सदायें तलाश करता हूँ !! ख़ामुशी की कहाँ जुबां होती ! माइने यूँ तलाश करता हूँ !!... "तनु"
Sunday, June 16, 2019
ज़िंदगी तुझको आ पुकार लूँ,
पल पल में पलों को सँवार लूँ!
ज़ख्म गहरा और रिसता हुआ,
दर्द तुझको हँस के दुलार लूँ!!---"तनु"
मौत सिर्फ हर्फ़ होता मिटा देते ,
जिंदगी हाशिया होती सजा देते!
यदि हमारे बस में अगर ये होता, ,,
जिंदगी सजा देते मौत मिटा देते!!--- "तनु"
इक गुमशुदा वाक़िया हूँ साहिब! एक बिखरा काफ़िया हूँ साहिब!! मैं अदावत में नहीं हूँ शामिल! झूठ के साथ फिर लड़ा हूँ साहिब!! एक कतरा अश्क़ आँखों में नहीं! रो रहा दिल है मर्सिया हूँ साहिब!! जो कभी बेवफा होता ही नहीं! साज़ का दिल हूँ रसिया हूँ साहिब!! जाऊँगा दूर किस तरह उससे! दिल से किया वायदा हूँ साहिब!! और तुम जान निसार मुझ पर हो मैं अकेला ही काफिला हूँ साहिब ---"तनु"
Friday, June 7, 2019
नींद थोड़ी सी मुझे मेरी दीजिये!
और थोडे सपने सुनहरी दीजिये!!
लाख जनमों से जागता मैं रहा!
घेर मुझको बाहें मरमरी दीजिये!!