दिल मेरा गुनगुना लेगा पतझर में!
बहार आ ही जायेगी पल भर में !!
मेरे आँसू से क्या प्यास मेरी बुझी!
फूल कितने खिलते गए बंजर में !!
ये जो दीपक रखा है देहरी पर !
जलता ही जायेगा अपने घर में!!
कह दिया था तुमने कि तुम आओगे !
अब जान थोड़ी बची है पिंजर में !!
देख इक सितारा भोर का है उगा!
ठहरती गयी आँखें उस मंज़र में !!.. "तनु"
बहार आ ही जायेगी पल भर में !!
मेरे आँसू से क्या प्यास मेरी बुझी!
फूल कितने खिलते गए बंजर में !!
ये जो दीपक रखा है देहरी पर !
जलता ही जायेगा अपने घर में!!
कह दिया था तुमने कि तुम आओगे !
अब जान थोड़ी बची है पिंजर में !!
देख इक सितारा भोर का है उगा!
ठहरती गयी आँखें उस मंज़र में !!.. "तनु"
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