इक गुमशुदा वाक़िया हूँ साहिब!
एक बिखरा काफ़िया हूँ साहिब!!
मैं अदावत में नहीं हूँ शामिल!
झूठ के साथ फिर लड़ा हूँ साहिब!!
एक कतरा अश्क़ आँखों में नहीं!
रो रहा दिल है मर्सिया हूँ साहिब!!
जो कभी बेवफा होता ही नहीं!
साज़ का दिल हूँ रसिया हूँ साहिब!!
जाऊँगा दूर किस तरह उससे!
दिल से किया वायदा हूँ साहिब!!
और तुम जान निसार मुझ पर हो
मैं अकेला ही काफिला हूँ साहिब ---"तनु"
एक बिखरा काफ़िया हूँ साहिब!!
मैं अदावत में नहीं हूँ शामिल!
झूठ के साथ फिर लड़ा हूँ साहिब!!
एक कतरा अश्क़ आँखों में नहीं!
रो रहा दिल है मर्सिया हूँ साहिब!!
जो कभी बेवफा होता ही नहीं!
साज़ का दिल हूँ रसिया हूँ साहिब!!
जाऊँगा दूर किस तरह उससे!
दिल से किया वायदा हूँ साहिब!!
और तुम जान निसार मुझ पर हो
मैं अकेला ही काफिला हूँ साहिब ---"तनु"
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