कोरोना अब तलक हुआ ना था !
आपको जब तलक छुआ ना था !!
कैसे साँसों में हरारत आयी !
ताप ने आपको छुआ ना था !!
घुस गया कैसे पेट में जा कर !
गोया वायरस था, पुआ ना था !!
जैसे साँसे गयीं और दिल डूबा !
ऐसा तो अब तलक हुआ ना था !!
वो क़यामत सुबह शामों की !
करने वाला कोई दुआ ना था !!
कैसी नादानियाँ करे पापी !
काँपता जो उसका रुआं ना था !!
मुतमइन हो के सब को लील गया !
दाँव पक्का ही था जुआ ना था !!
नापते चाहतें हदें उसकी !
वो मुआ, अतर मजमुआ ना था !!
लो ये कैसा बना है दीवाना !
मौत रटता रहा , सुआ ना था !!... ''तनु''
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