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Wednesday, March 25, 2020

इक कहानी

इक कहानी .. कुछ इस तरह 

आजकल दीवानगी की हद हो गयी
मौसमों में खासी जद्दोजहद हो गयी

हवाओं की कुछ ने थाम ली लगाम
बादलों संग कुछ की कवायद हो गयी

देखते अम्न का मंज़र सपनो का जहां 
शाम सुब्हो एक यही इबादत हो गयी

किसी को सादा  सादा ही मिलेगा
किसी को तख़्त की आदत हो गयी

झूठ की बुनियाद पर इमारतें इमारतें 
इंसानियत की नींव यूँ  फ़लक़ हो गयी

ज़ुल्म इतना की कोई सख़्ती ही नहीं  
 आदमी की कैसी ये फ़ितरत हो गयी 

अहल-ए-दानिश भीड़ में नाफ़हम भी बहुत
बे अंदाज़ा भीड़ ''तनु'' बे अदब हो गयी... ''तनु''






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