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Friday, March 13, 2020

मिसरा मिसरा तुझे पिरोया

मिसरा मिसरा तुझे पिरोया
ग़ज़ल ग़ज़ल किया है प्यार
दाग़ मीर की ले विरासतें 
जग सँवारा मैंने यार

क्यारी में मुस्काने बोयी
फूल हँसी के डार डार 
नीलगगन पर तारे छिटके
बजती है मीठी सितार
प्रीत तेरी जीवन अनमोल
बरसे रंगों की फुहार
दाग़ मीर की ले विरासतें 
 जग सँवारा मैंने यार

पाँव बजेंगे पैंजन घुँघरू
छनकती पायल झंकार
मन की देवी को कर वंदन
पूजूँगा तुझे हरबार
प्यार अर्पण जीया समर्पण
भावों के मधुर उद्गार
दाग़ मीर की ले विरासतें
 जग सँवारा मैंने यार

नज़र नज़ारे ख़ुशी बयाँ है
खुश सभी अपने किरदार
नीर नदी का कल कल बहता
 लिए सहारा तट किनार
बंदिश कहाँ प्यार करने को
जब संग ले लो मनुहार
दाग़ मीर की ले विरासतें
  जग सँवारा मैंने यार ... ''तनु''










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