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Tuesday, January 28, 2014

  जनता के आगे नेता की ता ता थैया....  

 ता ता थैया ना करें तो वोट कहाँ से पावें. 
  सारे सुख के साधन और नोट कहाँ से पावें, 
  नोट कहाँ से पावें लगती जनता भोली भाली, 
  बिन जनता इनके आँगन कैसे मने दीवाली , 
   कहै तनु न  गायब होगा लोकतंत्र से लोक,  
   जनता बिन अपने नेता भोगें कैसे इहलोक

जुगाड़ जुगाड़ के अब तक ही तो नेता खाते आये 
अब न जगे तो बोलो इनको कैसे कौन जगाये 
इनको कैसे कौन जगाये भरता न सब्र का प्याला 
याद दिलाये कैसे इनको किस  किसका दें हवाला 
ध्यान रहे ये बहुत खा चुके अब न खाने पाये 
जुगाड़ करो अगले बरस ये नेता न बन पाये। ................ तनुजा ''तनु'' 



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