Labels

Monday, September 28, 2020

आप हम को गुलाब कहते थे ;

 

आप हम को गुलाब कहते थे ;
आब का जमीं को जवाब कहते थे !

चूमकर ये जबीं हमारी तुम ;
जिया .. कभी माहताब कहते थे !

जुल्फ दिल जां नज़र हमारी को ;
गीत, गजल, की किताब कहते थे !

मेरा जीवन, जिंदगी, जाने जाना ;
जानेमन, जी - जनाब कहते थे !

सँवरते ही रहे कभी आँखों में ;
नज़ारों सा नायाब कहते थे !

हमनशीं, हमनवा, हमक़दम, हम ही ;
पा लिया जहांँ सवाब कहते थे !

दोस्त एक 'तनु' ही तो थी दुनिया ;
तुम हम ही को नवाब कहते थे !.... ''तनु''






Thursday, September 24, 2020

सीधा जन फाँसी चढ़े,

 

सीधा जन फाँसी चढ़े, सैनिक घूँसे खाय,
न्याय नीति की बात भी, लगती नहीं सुहाय !

लगती नहीं सुहाय, भूले शपथ विधान को !
मनमानी की राह, चलाते जन जहान को !!

नेता बनना चाह, जिंदगी कटे सुभीता !
जीना इत्मीनान, भले मरता हो सीधा !!... ''तनु''

इल्तिजा का उस पर असर ही नहीं


इल्तिजा का उस पर, असर भी नहीं !
नज़र में नहीं, निगाहें असर भी नहीं !!

मानता नहीं, वो मेरी हरिक बात को !
अब बंधन नहीं, गुजर बसर भी नहीं !!

कौन जीता है, जिंदगानी किसी की !
उस मंजिल में नहीं, इस डगर भी नहीं !!

चैन खोकर, क्यों तड़प प्यास है पाई !
हो मुकम्मिल कहाँ, कम क़सर भी नहीं !!

खो गयी है क़शिश, रिश्ता भी डूबता !
बंधन से मुक्त हुए, हद असर भी नहीं !!

नज़र में नहीं हो, अब जेहन में नहीं तुम !
गुम दिलो जां से, अब मफ़र भी नहीं

कसम जी की लीजिये, क्या बन गयी हूँ !
टूटते रुक़्न भी, मैं अब बहर भी नहीं !!

क्या तजुर्बा ''तनु'' जिंदगी का नहीं ?
दर-बदर का मारा हूँ शजर भी नहीं !!... ''तनु''


Sunday, September 20, 2020

मेले ठेले खो गये ,


मेले ठेले खो गये, सोये सब त्योहार !
सूनापन दिल में बसा, नयना देखें द्वार !!
नयना देखें द्वार, सपन हुए सब चूर से !
पाहुना नहीं आय, राम राम भी दूर से !!
नहीं किसी से बात, रुलाये यही झमेले, ,,
खोयी रेलमपेल, याद आते हैं मेले !! ... ''तनु''

शाइस्ता नहीं

 शाइस्ता नहीं माहौल शहर का, क़ुरबत नहीं रही !

मुरझा गये हैं फूल शजर पर, मुहब्बत नहीं रही !!

सुब्हा का मंज़र है धुंधला अब सबा ठहरी कहाँ ?

की खुशियाँ देख लेना आँख की चाहत नहीं रही !!... . ''तनु''

Saturday, September 19, 2020

रगों में कलियाँ चटकी

 रगों में कलियाँ चटकी चटकी, अरमानों की बस्ती में !

चली उमंगें खनकी खनकी, हिमाकतों की कश्ती में !!

मनालें जश्ने उल्फत टूट के करलें आज मुहब्बत, ,,

जगी खामोशी दहकी दहकी, ख्वाहिशों की हस्ती में !!.... ''तनु''

Saturday, September 12, 2020

गरीबी की कहानियाँ

 

गरीबी की कहानियाँ, लिखी गयी हैं स्वेद !

जीवन एक किताब है, कितने इसके भेद !!

किसी पेट को रोटियाँ,    और कोई बेहाल  , ,,  

दिन दिहाड़ी बीत रहा,   रात जताये खेद !!.... ''तनु''

                                 

Friday, September 11, 2020

शारदे माँ की महिमा

शारदे माँ की महिमा, पारिजात की जात !

मेरी हिन्दी फूल सी,    महक रही है बात !!

स्वर व्यंजन की गरिमा, ध्रुवपद नाद निनाद, ,, 

मोती से आखर सभी,  पढ़कर हो निष्णात !!.... "तनु"

नयन नदी

नयन नदी के तीर पर, आँसू की तकदीर !

छलक गया तो नीर है , मन में है तो धीर !!...'तनु'

आँचल


डसती हैं नाकामियाँ,  बनकर काले नाग !
दुखी मन से आह भरूँ,  भूल गयी हूँ फाग !!.... 'तनु'


सागर सी गहराइयाँ, ऐसा मेरा प्यार !
आँचल में मेरे रहा,  ममता और दुलार !!.... 'तनु'

Thursday, September 10, 2020

कुल्हाड़ी की लकड़ी


कुल्हाड़ी की लकड़ी पर, हुए पेड़ हैरान !
तू तो हमरी जात की, करती हमें तमाम !!

करती हमें तमाम, क्यों देती मौत सस्ती ?
कैसी तेरी चाह, बसी कातिल की बस्ती ??

तुझे नहीं पहचान, लकड़ी तू है अनाड़ी !
यही मेरा इमान, काटना काम कुल्हाड़ी !!...... ''तनु''

चाँद की चाँदनी लजाने लगी!

 

चाँदनी चाँद की लजाने लगी! 

रात भी अब ग़ज़ल सुनाने लगी!! 


ख़्वाहिशों का हुजूम लेकर के!

गुम हुई चाह भी सताने लगी !!


मंज़िलें, राह, इश्क़ की बाँहें !

साथ हमराह अब लुभाने लगी !!


आपने कह दिया हमने माना !

झूला मदहोशियाँ झुलाने लगी !!


रंग में, कायनात, तरन्नुम भी !

ये ही तो सच है जताने लगी !!


जागता रूआं,रगें, धड़कने भी !

'तनु' यही इब्तिदा है बताने लगी !!... ''तनु''


Saturday, September 5, 2020

आपने हँस के देखा तो जिंदगी गाने लगी !

आपने हँस के देखा तो जिंदगी गाने लगी !

इश्क अगर ऐसा है तो बंदगी आने लगी !!

दौलतें ही दौलतें हैं आज गरीबखाने में , ,,

एक खिड़की खोल दी, तो चाँदनी आने लगी !!... ''तनु''

ज्ञान पिपासा बावरी

 ज्ञान पिपासा बावरी, नीयत इसकी नेक !

प्यासी की प्यासी रही, पीये कूप अनेक !!... ''तनु''