Monday, September 28, 2020
आप हम को गुलाब कहते थे ;
Thursday, September 24, 2020
सीधा जन फाँसी चढ़े,
इल्तिजा का उस पर असर ही नहीं
Sunday, September 20, 2020
मेले ठेले खो गये ,
शाइस्ता नहीं
शाइस्ता नहीं माहौल शहर का, क़ुरबत नहीं रही !
मुरझा गये हैं फूल शजर पर, मुहब्बत नहीं रही !!
सुब्हा का मंज़र है धुंधला अब सबा ठहरी कहाँ ?
की खुशियाँ देख लेना आँख की चाहत नहीं रही !!... . ''तनु''
Saturday, September 19, 2020
रगों में कलियाँ चटकी
रगों में कलियाँ चटकी चटकी, अरमानों की बस्ती में !
चली उमंगें खनकी खनकी, हिमाकतों की कश्ती में !!
मनालें जश्ने उल्फत टूट के करलें आज मुहब्बत, ,,
जगी खामोशी दहकी दहकी, ख्वाहिशों की हस्ती में !!.... ''तनु''
Saturday, September 12, 2020
गरीबी की कहानियाँ
गरीबी की कहानियाँ, लिखी गयी हैं स्वेद !
जीवन एक किताब है, कितने इसके भेद !!
किसी पेट को रोटियाँ, और कोई बेहाल , ,,
दिन दिहाड़ी बीत रहा, रात जताये खेद !!.... ''तनु''
Friday, September 11, 2020
शारदे माँ की महिमा
शारदे माँ की महिमा, पारिजात की जात !
मेरी हिन्दी फूल सी, महक रही है बात !!
स्वर व्यंजन की गरिमा, ध्रुवपद नाद निनाद, ,,
मोती से आखर सभी, पढ़कर हो निष्णात !!.... "तनु"
आँचल
Thursday, September 10, 2020
कुल्हाड़ी की लकड़ी
चाँद की चाँदनी लजाने लगी!
चाँदनी चाँद की लजाने लगी!
रात भी अब ग़ज़ल सुनाने लगी!!
ख़्वाहिशों का हुजूम लेकर के!
गुम हुई चाह भी सताने लगी !!
मंज़िलें, राह, इश्क़ की बाँहें !
साथ हमराह अब लुभाने लगी !!
आपने कह दिया हमने माना !
झूला मदहोशियाँ झुलाने लगी !!
रंग में, कायनात, तरन्नुम भी !
ये ही तो सच है जताने लगी !!
जागता रूआं,रगें, धड़कने भी !
'तनु' यही इब्तिदा है बताने लगी !!... ''तनु''
Saturday, September 5, 2020
आपने हँस के देखा तो जिंदगी गाने लगी !
आपने हँस के देखा तो जिंदगी गाने लगी !
इश्क अगर ऐसा है तो बंदगी आने लगी !!
दौलतें ही दौलतें हैं आज गरीबखाने में , ,,
एक खिड़की खोल दी, तो चाँदनी आने लगी !!... ''तनु''
ज्ञान पिपासा बावरी
ज्ञान पिपासा बावरी, नीयत इसकी नेक !
प्यासी की प्यासी रही, पीये कूप अनेक !!... ''तनु''