गरीबी की कहानियाँ, लिखी गयी हैं स्वेद !
जीवन एक किताब है, कितने इसके भेद !!
किसी पेट को रोटियाँ, और कोई बेहाल , ,,
दिन दिहाड़ी बीत रहा, रात जताये खेद !!.... ''तनु''
No comments:
Post a Comment