शारदे माँ की महिमा, पारिजात की जात !
मेरी हिन्दी फूल सी, महक रही है बात !!
स्वर व्यंजन की गरिमा, ध्रुवपद नाद निनाद, ,,
मोती से आखर सभी, पढ़कर हो निष्णात !!.... "तनु"
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