रगों में कलियाँ चटकी चटकी, अरमानों की बस्ती में !
चली उमंगें खनकी खनकी, हिमाकतों की कश्ती में !!
मनालें जश्ने उल्फत टूट के करलें आज मुहब्बत, ,,
जगी खामोशी दहकी दहकी, ख्वाहिशों की हस्ती में !!.... ''तनु''
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