Labels

Thursday, September 10, 2020

चाँद की चाँदनी लजाने लगी!

 

चाँदनी चाँद की लजाने लगी! 

रात भी अब ग़ज़ल सुनाने लगी!! 


ख़्वाहिशों का हुजूम लेकर के!

गुम हुई चाह भी सताने लगी !!


मंज़िलें, राह, इश्क़ की बाँहें !

साथ हमराह अब लुभाने लगी !!


आपने कह दिया हमने माना !

झूला मदहोशियाँ झुलाने लगी !!


रंग में, कायनात, तरन्नुम भी !

ये ही तो सच है जताने लगी !!


जागता रूआं,रगें, धड़कने भी !

'तनु' यही इब्तिदा है बताने लगी !!... ''तनु''


No comments:

Post a Comment