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Wednesday, January 14, 2015



 क्यों घट रीते ? क्यों जीवन घटता ? घटती  नहीं है आशा ,
 झोली जितनी उतना मिलता घटता नहीं  तोला माशा ....... 
 जीवन पतंग  जन पतंगा  कर्म  के संग  जलता जाए !
 जीवन में क्या क्या पालूँ ?? कैसी है मेरी अभिलाषा ??? .... ''तनु ''

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