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Friday, January 9, 2015

अक्स 

जब बनों हबीब तुम तो कोई दर्द तुम्हारा न होगा
जब दोगे प्यार तुम तो कोई कैसे तुम्हारा न होगा
राज - ए - सर - बस्ता* क्या कोई जानता नहीं  
जब न रहोगे तुम तो अक्स भी तुम्हारा न होगा। … ''तनु ''
 hidden* 


दोस्ती 

वो अक्स नहीं खुद ही आइना-रु हुआ है ,
रूप है ये दोस्ती का वो जलवागर हुआ है !

 नवाजिश करम खुदारा  ये दोस्ती के नाम ,
खुशियाँ बाँटिये चुप क्यों कैसे सबर हुआ है ! 

किश्तों को गिनता न सांसों का लेता हिसाब , 
जो जाँ करदे कुर्बान वो सुबुक -बार हुआ है !  

जहे नसीब कोई जो गर दोस्त हो तुम्हारा ,
 अदु नहीं  ''तनु ''हबीब है खुद ही बेदार हुआ है! .... ''तनु ''


                                 

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