खुदा के लिए ,…
याद आऊँ मैं तुझे कोई ऐसी एक शाम तो हो !
मुस्कुरा के गीत गाऊँ कोई ऐसी एक शाम तो हो !!
दरीचे खुले भी हों तो भी बहारें नहीं आएँगी !
बर - जबान मीठा सा कोई एक पैगाम तो हो !!
बीत गई जिंदगी सारी इंतज़ार उनका करते हुए !
क्यों इंतज़ार है उन्हें कोई एक जिस्म जाम तो हो !!
जो शोख हैं खुली हवाओं में उड़ने के हैं शौक़ीन !
ख्वाब आँखों में ही हैं इसका कोई एहतिमाम तो हो !!
पिछले जन्म भी ''तनु '' प्यासी, इस जन्म भी क्या उम्मीद !
क्या खबर कैसे मिले रहबर इसका कोई इंतज़ाम तो हो !! … ''तनु ''
याद आऊँ मैं तुझे कोई ऐसी एक शाम तो हो !
मुस्कुरा के गीत गाऊँ कोई ऐसी एक शाम तो हो !!
दरीचे खुले भी हों तो भी बहारें नहीं आएँगी !
बर - जबान मीठा सा कोई एक पैगाम तो हो !!
बीत गई जिंदगी सारी इंतज़ार उनका करते हुए !
क्यों इंतज़ार है उन्हें कोई एक जिस्म जाम तो हो !!
जो शोख हैं खुली हवाओं में उड़ने के हैं शौक़ीन !
ख्वाब आँखों में ही हैं इसका कोई एहतिमाम तो हो !!
पिछले जन्म भी ''तनु '' प्यासी, इस जन्म भी क्या उम्मीद !
क्या खबर कैसे मिले रहबर इसका कोई इंतज़ाम तो हो !! … ''तनु ''
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