शाख पात ने पहने गहने,
हरी शाख औ पीले गहने!
झूमर देखो अमलतास के, ,,
धूप प्यार की लगते सहने !!
लू के गर्म थपेड़े खाये,
लोगों को राहत पहुँचाये !
दुख सहता सुख सबको देता, ,,
सीख सभी को लगता कहने!!
रंग क़ुदरत के कहाँ छुपते,
चाँद के संग रौशन दिखते!
पीले कंदीलों की दुनिया, ,,
संग हवा के लगती बहने!!
रंग अनूठा अमलतास का,
देख अकेले अमलतास का!
दिन में जैसे धूप बढ़ी है, ,,
छाँह चली बन साथी रहने
गा कर कोई ग़ज़ल गया है,
वो झुमकों में बदल गया है!
एक नहीं अनेक 'तनु' झूमर, ,,
शाखाएँ हैं जुड़वाँ बहने !!.... ''तनु''
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