हड्डियों का एक ढाँचा घात करता है!
वो दिखाने देखने की बात करता है!!
टिक नहीं पाया बग़ावत की हवाओं में!
मार कर मैदान तहक़ीक़ात करता है!!
शख़्स वो ज़ाहिर नहीं रणबाँकुरा कोई!
हाथ ले शमसीर क्यों आघात करता है!!
हाथ जोड़े है खड़ा क़ातिल नहीं लगता!
क्यों किसी को मार कर सदमात करता है!!
क्या कहूँ वो दानव है या देवता कोई!
था कभी शालीन वो' खुराफ़ात करता है!!.... ''तनु''
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