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Sunday, September 1, 2019

ऐसी बाढ़ हमें ना भाये,


ऐसी बाढ़ हमें ना भाये,
नभ से बादल फट फट जाये!

बाड़ खेत भी डूब गए हैं ,

कीचड़ से सब ऊब गए हैं! 
इंद्र देव को जा समझाये , ,,
नभ से बादल फट फट जाये!!... ऐसी बाढ़ हमें ना भाये,

आटा दाल घुला अब जल है, 

भारी मेघ बना बादल है! 
विधना हमको रूठ सताये , ,,
नभ से बादल फट फट जाये!... ऐसी बाढ़ हमें ना भाये,

तन देखो हरदम है गीला 

सूरज बिन पीला दर्दीला !
जा पानी तू हम घबराये   , ,,
नभ से बादल फट फट जाये!!.... ऐसी बाढ़ हमें ना भाये,

भर कर  उफने नाले सरवर, 

बाढ़  निगलती आज धरोहर !
धरती का दुख सहा न  जाये, ,,
नभ से बादल फट फट जाये!.... ऐसी बाढ़ हमें ना भाये,

कुनबा ढाणी ढोर डूबता 
सम्बंधों का मेह सूखता !
साम गीत जन कौन सुनाये,
नभ से बादल फट फट जाये!.... ऐसी बाढ़ हमें ना भाये,

कोई घर दिखती ना बारी 
आह!! डूब सोयी किलकारी
बीमारी से कौन बचाये?
नभ से बादल फट फट जाये !.... ऐसी बाढ़ हमें ना भाये,... ''तनु''



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