भीड़ जुटा राज कर ले, बन जा नुगरा संत ;
ले झूठी दरियादिली, , आग लगा निर्बंध !
ले झूठी दरियादिली, , आग लगा निर्बंध !
आग लगा निर्बंध, जितना गिर सके गिर जा ;
डरा दीन ईमान, बेबस साँच से भिड़ जा !!
डरा दीन ईमान, बेबस साँच से भिड़ जा !!
पर इतना तू जान, इक दिन तरसे तू नीड़ ;
आज बेच ईमान, चाह जितनी जुटा भीड़ !!... ''तनु''
आज बेच ईमान, चाह जितनी जुटा भीड़ !!... ''तनु''
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