मंज़िलों की हद कहाँ पर खो गई ??
चाँदनी भी चलते चलते सो गयी, ,,
टूट कर एतिबार दिलो जां पस्त से , ,,,
आँख रोई दामन फिर भिगो गई !!,
लहद यही मेरे लिए है प्यार में ??
खार दिल में चाँदनिया चुभो गई , ,,
नेकियाँ बदी से ज्यादह थी कहीं,
कौन से हिसाब में कमी हो गई ??
सनद किसको औ जहां किसको मिला ??
नाम जद मैं नहीं बहारें हो गई , ,,,
गुल,सितारा,चाँद भी क्या हसीन है , ,
मुस्तनद है कौन ? ये कहानी' हो गई !!!...तनुजा ''तनु ''