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Sunday, April 17, 2016



ज़लज़ला 

दूर तक धुआँ धुंधलका, ढेर टूटे मकानो का था ;
चुप हो गई ,... कुछ देर पहले रूठी अज़ानो का था !
ये कहर था खुदा का जो जलजला बन के आया , ,,,
क्या क़र्ज़ था जमाने ?  या जुल्म जमानो का था !!.... तनुजा ''तनु ''

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