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Saturday, April 23, 2016





तमचरों की तपिश ताप से जलाए जहां को ;
कौन तपोनिधि तपोबल से बचाए जहां को ?? 
क्रोध,अभिमान, धन, रूप, जलन की गर्मी से .... 
आह !! अहरह तपाय, सताय , जलाए जहाँ को !!...तनुजा ''तनु ''

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