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Kaavya
Sunday, April 10, 2016
कायनात !!!
दिन को सूरज लिए निहारती हूँ एक निगाह से ;
रात को चांद लिए निहारती हूँ एक निगाह से !
मैं कायनात हूँ समाया हुआ मुझमें ही खुदा है , ,,
हँसाती हूँ इक आँख रुलाती हूँ एक निगाह से !!! .. तनुजा ''तनु ''
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