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Wednesday, April 27, 2016





कभी तो आ !!!



कभी तो आ तू मेरी नींद से पहले !
रहके इंतज़ारी में कभी तू भी दहले !!

रोज़ कयामत की बात करता है क्यों !
क़यामत रोज़ है तेरे आने से पहले !!

सुनसान रास्तों पर मकां चुप से हैं !
अरमां जलते तिश्नगी बढ़ने से पहले !!

घर दीवार-ओ-दर शल हुए राह तक के !
कि दिल की बात कोई कैसे दिल से कह ले !!  

जुगनू सूरज ढूँढते कुछ शाखों पर सोगए !
चांदनी चाँद में सोयी सहर होने से पहले !!..... तनुजा ''तनु ''






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