झूला
सुख दुःख की पींगे भरता, जीवन झूला झूल रहा ;
घाव सबके समय भरता, ये खोया पाया भूल रहा , ,,,
नभ छूता धरा को छू कर कैसा अनोखा दोलन ??
खुशियों के फूलों सा झरता, कभी चुभता शूल रहा !!!... तनुजा ''तनु ''
सुख दुःख की पींगे भरता, जीवन झूला झूल रहा ;
घाव सबके समय भरता, ये खोया पाया भूल रहा , ,,,
नभ छूता धरा को छू कर कैसा अनोखा दोलन ??
खुशियों के फूलों सा झरता, कभी चुभता शूल रहा !!!... तनुजा ''तनु ''
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