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Monday, October 31, 2016



बड़ी बहन आशीष दे, छोटी का  सत्कार !
भाल पर है तिलक लगा , मुँह मीठा उपहार!!... ''तनु ''  




सरहद पर है रौशनी , उनसे मेरे यार !
जीवन मेरा भी मिले ,उनको सौ सौ बार!!,.. ''तनु ''



Friday, October 28, 2016



श्रद्धासुमन कर अर्पित,  दे दूँ दिल सम्मान !
 सीमा के सजग सैनिक, नित तेरा हो मान !!...''तनु ''


Thursday, October 27, 2016

जब  कभी दर्द का साया ;
तेरे स्नेह की  मिली छाया !
आज जब तू पास नहीं माँ ,
सदा अपने पास ही पाया!!

याद तो सागर है गहरा ;
कब लगा उस पर पहरा !
हर पल याद आते हो , ..
चाहे सबा हो चाहे सहरा!! ..








यो उगमतो सुहामणों , मंगल घट छलकाय ,
वीती कारी रातड़ी ,         अंधारो छँट जाय !!,,..''तनु ''



दीप , ,,,,


गीत रोशनी का लेकर ;
माटी का दीपक आया !
भेद मन का मिटाने को , ,,
तम का संहारक आया !!

तू जलता अंधियारों में ;
तूफां तेरी बाहों में !
आँचल का नहीं सहारा , ,,
शक्तिमान सा राहों में !!

मार तिमिर उजला मन दे ; 
घोर अमावस को छल दे !
सौहार्द्र नेह की छाँव , ,,
सबको सुन्दर सा कल दे!!

त्याग तुम्हारा जग गाता ;
रोशनी संग जगराता !
कादंबरी उर बसाए , ,,
धरा से नभ जोड़ जाता !!

वर्तिका घृत तेल में खो ;
अग्नि पुंज स्पर्श बनी लौ !
दीपित मन में सदआशा, ,,
अन्धकार अब भस्मित हो!!

सोने का या माटी का;
दीपक साथी बाती का !
लो साँसों में ढला राग , ,,
संजीवन भांति भांति का !!..  तनुजा ''तनु ''

Tuesday, October 25, 2016



शुकराना 


हो गयी बारिशें मैं जहाँ हूँ वहीँ ;
बादलों से घिरी मैं जहाँ हूँ वहीँ ! 

ठंढ और गर्मी तूने ही दी मुझे; 
हैं शरद औ बसंत मैं जहाँ हूँ वहीँ !

चाहती हूँ जी भर गुनगुनाऊँ खूब मैं ;
गीत ग़ज़ल तरन्नुमें हैं मैं जहाँ हूँ वहीँ!  

तितलियों की बस्तियों में अलि गूँजते;
हैं कुमुदिनी गुलाब भी मैं जहाँ हूँ वहीँ !

शर्त है मुस्कुराऊँ उस खुदा के लिए;
और शुक्रिया कहती रहूँ मैं जहाँ हूँ वहीँ !... तनुजा ''तनु''



Saturday, October 22, 2016





कैसे कह दूँ बात मैं  ,  छुपे नहीं जज्बात  !
नैनों को मैं मीच लूँ ,  कहीं करदे न घात  !!

छुपती है हर बात ना, मन की खोले पोल , 
कह ना पाऊँ शरम से, काँप रहा है गात  !! ..  तनुजा ''तनु ''





Thursday, October 20, 2016






रात आई याद का कोई सितारा और है ;
मैं ही हूँ ग़मगीं नहीं, कोई मारा और है !

ये जुनूँ  कैसा देखूँ हर शाख हो गुल से भरी ;
एक ही सँवारे उसे, चलाये कोई आराऔर है !

इश्क में तही-दस्त हूँ फिर भी लुटाती हूँ ख़ुशी ;
जानती हूँ इस नदी का कोई किनारा और है !

जाँ न लो खुद ही बिखर गए हम मानिंद -ए -गुल ;
 खुश -बू है या के जुर्म कोई हमारा और है !

मैं जमीं हूँ आसमा पर निगाहें मेरी लगी ;
धूप में बरसात पेश-ए -जां कोई नज़ाराऔर है ! ... ''तनु ''





Wednesday, October 19, 2016



जाने हैं हम
कि
जाना है
फिर भी हैं गले
लगाये हुए
वक्त-ए-रुखसत
जानते नहीं फिर
क्यों है
घबराये हुए , ...


जिंदगी
कितनी
सहरा में बीतेगी
या कि गुलशन 
सुब्हा
सबा में  ग़ुम
शाम को
जिस्म के लम्बे हैं
साये हुए, ... 


सागर
की
लहरों की तरह
उफनते दर्द
सैलाब से
राह बेगानी
अनदेखे चले
साहिल तक हैं
आये हुए , ...


जिंदगी
वही
खुशबुएँ वही
सुबह ओ शाम
भी है वही
वो रग - ए - जां में
उतरा
यही बात
दिल को है
भाये हुए , ... 


लब -ओ -रुखसार, 
पैरहन ,
वो गुलाबी 
आँख के डोरे
थोड़ी ही 
देर के होंगे 
ये 
जेहन को हैं 
समझाये हुए, ... तनुजा ''तनु '' 

Monday, October 10, 2016




निरख कामिनी आरसी, करे रूप अभिमान;
दो दिन की है चाँदनी,        खो जायेगा भान!
रही अनोखी जिंदगी,           जैसे झड़ते पात , ,,
कल कोंपल उग आयगी ,  जब होगा परभात !!... ''तनु ''

Saturday, October 8, 2016





बूँद छोटी दर्प बड़ा, ------- जानता ये जहान, 
गर्म होकर भाप बनी,----उड गयी आसमान !
मेघ बन लगी गरजने,  फिर उतरा अभिमान, ,,, 
लो बूँद आ गयी धरा, ------ खोजूँ वाष्प जान !! ..''तनु ''

Friday, October 7, 2016



क्या है आप ?


शोला-ओ-शबनम कभी बरसात आप भी,
अंगार हो कर आब हैं  जलजात आप भी ! 

वादों का एतबार क्या, आयी न मौत भी ,
झूठे जहां के सच,उलझती बात आप भी !

दोस्ती का दम भरते वो नासेह ना रहे ,
छुरी बगल में रखते करते घात आप भी !

गर संग के रग होती, बहता ख़ून भी ?
समझे ग़म जिसे शरार वो आफ़ात आप भी !

इश्क में दिल कुर्बान किया क्या है जिंदगी ?
आखिर को दिल से कहें जज़्बात आप भी , ... ''तनु ''

Thursday, October 6, 2016


शब्दों की एलओसी मत पार करो रे 

शब्दों की एलओसी मत पार करो रे !
तलवार दुधारी है,   मत मार करो रे !! 

चुभती, तोड़ देती है,  मन की सबलता !
चाशनी सी ज़ुबान ,  मत खार करो रे !!

सुर हो !! असुरों सी क्यों जुबान चल रही !
रहो चुप सुनों समझो, मत प्रहार करो रे !!

देख बलि का लहू उबकाई सी आती !
तुम धीरज व्रत धारो, मत धार करो रे !!

 रहने दो गड़े मुर्दों को उनको न झिंझोड़ो !
भली जान का जीना, मत दुश्वार करो रे !!

जात-पात सच-झूठ, पापी औ पुण्यात्मा !
अरे!!!तुम न्यायाधीश नहीं, मत उद्धार करो रे !!

अब जलाओ ''तनु'' तुम अज्ञानता का रावण !
 बारूद की भट्टी में , मत संसार करो रे !!... ''तनु ''







Tuesday, October 4, 2016



जो आज मुझे अकेला छोड़ गए , ....
 ... मेरे भुआ सा को प्रणाम उनके लिए मेरी विनम्र शृद्धांजलि 

म्हारा पीरा री वाट,
 म्हारा भुआ सा रो गाम!
पेला भुआ सा रो गाम,
पाछे म्हारा बापू सा रो धाम ;
म्हारा पीरा री वाट , ,,,

म्हारी हर ख़ुशी में साथ ,
ग़मी माय माथे मेल्यो हाथ !
म्हे कदी देखि नी घाम,
पेला भुआ सा रो गाम ,... 
पाछे म्हारा बापू सा रो धाम ;
म्हारा पीरा  री  वात ,
म्हारा पीरा  री वाट !!

आज म्हें एकली ,
वीती नि विति या शाम !
कसी एकली या शाम ,. 
काई करूँ हो राम;
 पेला भुआ सा रो गाम, ,,
पाछे म्हारा बापू सा रो धाम ;
म्हारा पीरा री  वात ,
म्हारा पीरा री वाट !! 

म्हारी माँ ती भी वत्तो ,
म्हारा भुआ सा रो प्यार! 
असि रूंखड़ा री छाय , ,,
वसा थें म्हारा माँ धाय! 
रिश्तो लोई ने चाम ,.. 
पेला भुआ सा रो गाम ,
पाछे म्हारा बापू सा रो धाम ; 
म्हारा पीरा री  वात ,
म्हारा पीरा री वाट !!

उग्यो आज अंतिम दन ,
 कण ने कणी से काम !
सगळा ने राम राम !
सगला से राम राम !!
पेला भुआ सा रो गाम ,
पाछे म्हारा बापू सा रो धाम ;
म्हारा पीरा री  वात , ,,
म्हारा पीरा री वाट !!

थें जठे भी जा जो , ,,
म्हारा हिवड़ा ति दूर नी !
थें जठे भी रिजो; 
थें दिखोगा तो कदि नी !
अबे किसो है थांको गाम ,. 
काई वठे रूंखड़ा री छाँम ! 
पेला भुआ सा रो गाम , ,,
पाछे म्हारा बापू सा रो धाम ;
म्हारा पीरा री  वात , ,,
म्हारा पीरा री वाट !!''तनु ''













Saturday, October 1, 2016



राखी मेलो पूजा में,   ई भावना रा फूल ,
नयना रा बारि दीवड़ा,भले थें जावो भूल !
मनवा  ति मैया बंधी आवे बिना बुलाय , ,,,
बिन नैया तर जाइजो परेम नदी रा कूल !!  ''तनु ''



पूजा में रख दीजिये ,  ये भावों के फूल ;
दीप जलाकर नैन के,  चाहे जाना भूल !
 तुमरे मन से वो सधा, आता बिना बुलाय , ,,,
बिन नैया पा जाइये , . प्रेम नदी के कूल !!..''तनु ''




झुकी गर आँख, ,, तो दिल की कहानी यूँ सुनाओगे ;
तुम्हारे  होंठ कलियों से , मुस्कुरा कर यूँ , खिलाओगे ! 
भली है एक रात भला है एक चाँद भी यहीं आसमा में 
 इबादत इश्क की चाँद तारों को दुनिया यूँ  बनाओगे !...''तनु ''