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Jyotish
Kaavya
Saturday, October 8, 2016
बूँद छोटी दर्प बड़ा, ------- जानता ये जहान,
गर्म होकर भाप बनी,----उड गयी आसमान !
मेघ बन लगी गरजने, फिर उतरा अभिमान, ,,,
लो बूँद आ गयी धरा, ------ खोजूँ वाष्प जान !! ..''तनु ''
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