क्या है आप ?
शोला-ओ-शबनम कभी बरसात आप भी,
अंगार हो कर आब हैं जलजात आप भी !
वादों का एतबार क्या, आयी न मौत भी ,
झूठे जहां के सच,उलझती बात आप भी !
दोस्ती का दम भरते वो नासेह ना रहे ,
छुरी बगल में रखते करते घात आप भी !
गर संग के रग होती, बहता ख़ून भी ?
समझे ग़म जिसे शरार वो आफ़ात आप भी !
इश्क में दिल कुर्बान किया क्या है जिंदगी ?
आखिर को दिल से कहें जज़्बात आप भी , ... ''तनु ''
No comments:
Post a Comment