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Friday, October 7, 2016



क्या है आप ?


शोला-ओ-शबनम कभी बरसात आप भी,
अंगार हो कर आब हैं  जलजात आप भी ! 

वादों का एतबार क्या, आयी न मौत भी ,
झूठे जहां के सच,उलझती बात आप भी !

दोस्ती का दम भरते वो नासेह ना रहे ,
छुरी बगल में रखते करते घात आप भी !

गर संग के रग होती, बहता ख़ून भी ?
समझे ग़म जिसे शरार वो आफ़ात आप भी !

इश्क में दिल कुर्बान किया क्या है जिंदगी ?
आखिर को दिल से कहें जज़्बात आप भी , ... ''तनु ''

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