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Monday, October 10, 2016




निरख कामिनी आरसी, करे रूप अभिमान;
दो दिन की है चाँदनी,        खो जायेगा भान!
रही अनोखी जिंदगी,           जैसे झड़ते पात , ,,
कल कोंपल उग आयगी ,  जब होगा परभात !!... ''तनु ''

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