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Thursday, June 28, 2018

कबीर

कह ना पाया आप सा ,  जो भी चाहा आप !
कबीर तुमसा को नहीं ,   झूठ मूठ ना जाप !!
झूठ मूठ ना जाप ,    चोट आडम्बर पर की,  
सुन कर के पदचाप,    टूटी खोट अंदर की !
लिखे खूब जज़्बात,  न कदाचार का सहना ! 
प्रासंगिक सब बात,   पाया आप सा कहना !!... 'तनु'


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