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Tuesday, June 26, 2018

मैं चंदन मलयागिरी

 मैं चंदन मलयागिरी,       तू सुरभित सी वास !
दिनमणि से दिन खास है, विधु से रजनी खास  !!

गंधराज मैं मलय का,  तू सुरभित सी वास !

मधुमय महके मालती, विधु से रजनी खास !!

श्रृंगारिक हो गीतिका,  कुछ दोहे रतनार !
मधुमय महके मालती ,  ये है जीवन सार !!... ''तनु''

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