मैं चंदन मलयागिरी, तू सुरभित सी वास !
दिनमणि से दिन खास है, विधु से रजनी खास !!
गंधराज मैं मलय का, तू सुरभित सी वास !
मधुमय महके मालती, विधु से रजनी खास !!
श्रृंगारिक हो गीतिका, कुछ दोहे रतनार !
मधुमय महके मालती , ये है जीवन सार !!... ''तनु''
दिनमणि से दिन खास है, विधु से रजनी खास !!
गंधराज मैं मलय का, तू सुरभित सी वास !
मधुमय महके मालती, विधु से रजनी खास !!
श्रृंगारिक हो गीतिका, कुछ दोहे रतनार !
मधुमय महके मालती , ये है जीवन सार !!... ''तनु''
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