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Wednesday, September 19, 2018



दर्द के हवन कुंड में ,        आहूत मनोभाव !
पीर जल जल कर पिघले,  बहुत गंभीर घाव !!... ''तनु''

दर्द के हवन कुंड में, जलती जी की पीर !
मनोभाव आहूत हैं,     घाव बहुत गंभीर !!... ''तनु''

हौले हौले चाँदनी,  सहमी सहमी आय!
सपनों के मोती यहाँ, पलक पलक बिखराय!!... "तनु"

मेरी कविता भाव की , देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!!"तनु"

मेरी कविता हृदय की ,देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!! "तनु"

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