दर्द के हवन कुंड में , आहूत मनोभाव !
पीर जल जल कर पिघले, बहुत गंभीर घाव !!... ''तनु''
दर्द के हवन कुंड में, जलती जी की पीर !
मनोभाव आहूत हैं, घाव बहुत गंभीर !!... ''तनु''
हौले हौले चाँदनी, सहमी सहमी आय!
सपनों के मोती यहाँ, पलक पलक बिखराय!!... "तनु"
मेरी कविता भाव की , देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!!"तनु"
मेरी कविता हृदय की ,देना ना आघात!
देखो छूना प्यार से ,छुईमुई से ज़ज़्बात!! "तनु"
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