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Friday, September 21, 2018

खाली करके मेघ को

 खाली करके मेघ को, खिलती जाती कास!
तेरे बिन जी लूँ कहे,   बिन जल की मैं घास!! ***तनु


कास खिली बरखा गयी,धरती धारे धीर!
बादल बरसे उड़ गये, ऐसी सुखमय पीर!!***"तनु"

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