रोय रही रजनी बेचारी, खोय गया मान है ,
आ गया बादलों का उत्सव, घन गर्जन गान है !
रही डराय चमक बिजुरी की, पवन आघात हैं , ,,,
नींद सितारों की खोय गयी, कैसा व्यवधान है !!.. ''तनु''
आ गया बादलों का उत्सव, घन गर्जन गान है !
रही डराय चमक बिजुरी की, पवन आघात हैं , ,,,
नींद सितारों की खोय गयी, कैसा व्यवधान है !!.. ''तनु''
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