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Thursday, September 6, 2018

रोय रही रजनी बेचारी भादों की झड़ी का 🌺 .. . एक मोती

रोय रही रजनी बेचारी,     खोय गया मान है ,
आ गया बादलों का उत्सव, घन गर्जन गान है !
रही डराय चमक बिजुरी की, पवन आघात हैं , ,,,
नींद सितारों की खोय गयी, कैसा व्यवधान है !!.. ''तनु''

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