Labels

Saturday, October 12, 2019

गहरी जड़ें

 सरहदें हैं जहाँ नफ़रतें ही नफ़रतें वहाँ !
 पीठ छुरा भौकते ऐसी ही हरकतें वहाँ !!
 कांक्रीट के जंगल में दरख़्त ही ऐसे लगे, ,,
 बोन्साई हैं बेचारे इनकी गहरी जड़ें कहाँ !!... ''तनु''

  सरहदें हैं जहाँ नफ़रतें ही नफ़रतें वहाँ !
  पीठ छुरा भौकते ऐसी ही हरकतें वहाँ !!
  कांक्रीट के जंगल में बिन सायों के दरख़्त , ,,
  बिना पत्ती के ठूँठ उनकी गहरी जड़ें कहाँ !!... ''तनु''





No comments:

Post a Comment