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Saturday, October 12, 2019

परेशान हैं क्या करें

बारिश और बाढ़ से परेशान हैं क्या करें !
बरसा रहा बाढ़ ये आसमान है क्या करें !!

डूब गए हैं नगर, है आयी बाढ़ शहर में !
अब शमशान बन गया हर मकान है क्या करें!!

परेशां हैं कीचड़ से और खुश्क है गला!
डूबा हुआ तन बदन दिलोजान है क्या करें!!

पक्के घरों ने रोका पानी के बहाव को !
खेतों रुका पानी बहे मचान हैं क्या करें !!

दर डूबा हुआ है दरीचा भी डूबा हुआ ! 
सहम गयी हवा डूबे हवादान है क्या करें!!

फूल कलियाँ टूटी सभी किलकारियाँ रूठी !
अब बाढ़ में लाचार बागबान है क्या करें!!

 बन कर के कहर बरसा अब जीना मुहाल है!
 हैरान हिन्दू और मुसलमान हैं क्या करें!!

बुत डूबते रहे औ' शिवाले भी डूब गए !
भगवान पानी पानी, इन्सान हैं क्या करें!!... 'तनु"





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