इक लम्हा जिंदगी का निशाँ हुआ !
मेरा ये दिल लगता आस्माँ हुआ !!
दरख्तों पर आ गए परिंदे कुछ !
सबने देखा सुंदर आशियाँ हुआ !!
रखिये सलामत घर की दीवारें !
इन्ही के कारण ये सायबाँ हुआ !!
प्यार से रहिये घर और बाहर !
जुड़कर चलते तभी कारवाँ हुआ !!
प्यार को प्यार से सँवारोगे तो !
तारे उतरें आसमा जहां हुआ !!
प्यार को प्यार से सँवारोगे तो !
तारे उतरें आसमा जहां हुआ !!
खुशियों की बहार आई सुनिये !
कलियाँ हँस रही यही बयाँ हुआ !!
तन्हाइयाँ रूठें तो रूठ जाने दो !
ये जलवा जाने अभी यहाँ हुआ !!... ''तनु''
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