ये प्यार है कैसा प्यार है ?
के तसव्वुरों की बहार है,
परवाज़ है इक ज़हन की !
मेरी आरज़ू का इज़हार है !!
जानता हूँ यहीं कहीं तू है!
आ रु-ब-रु तेरा इंतेज़ार है!!
इक झुरझुरी रग़ रग़ में है !
तेरा इंतज़ार है या करार है !!
तू जवाबदेह नहीं तो क्या ,
फिर देखूं किसे इख़्तेयार है ?
कोई तो समझाए आखिर मुझे ,
क्या खलिश में भी ख़ुमार है ?
पासबाँ तू मेरा हबीब भी तू !
हासिल हुआ वो गिरफ्तार है !!
दिन काट ले तू बेनाम से ,
''तनु'' यही तेरी आदतों में शुमार है !!....''तनु''
No comments:
Post a Comment