दिल दिल कहाँ, ये कलेजा है कलेजा है !
अजब मैं हूँ नहीं, और न अंदाज़ बेजा है !!
ज़िन्दगी तुम और कायनात भी तुम हो !
हो अज़ीज़ तुम मेरे तभी पैग़ाम भेजा है !!
इक अफ़सुर्दा सा फ़साना चाहता न मैं !
दम निकले मेरा यही इक ख़्वाहिशें जा है !!
यूँ तो सौ -सौ दफा नौबहार आये है !
गुल खिले बागों में हमने ग़म सहेजा है !!
मुर्दा से इस दिल में कोई आरज़ू क्यों है !
खंजर कई दिल घुपे हैं चुभता नेजा है !!
बात बिगड़ी अब बना दे चाहता दिल है !
साथ अरमानों के ये संदेश भेजा है !!
है लगावट लाग के साथ सम्भल ऐ दिल !
अब ज़िंदगी है की बला है, वो जा ये जा है !!... ''तनु''
ज़िन्दगी तुम और कायनात भी तुम हो !
हो अज़ीज़ तुम मेरे तभी पैग़ाम भेजा है !!
इक अफ़सुर्दा सा फ़साना चाहता न मैं !
दम निकले मेरा यही इक ख़्वाहिशें जा है !!
यूँ तो सौ -सौ दफा नौबहार आये है !
गुल खिले बागों में हमने ग़म सहेजा है !!
मुर्दा से इस दिल में कोई आरज़ू क्यों है !
खंजर कई दिल घुपे हैं चुभता नेजा है !!
बात बिगड़ी अब बना दे चाहता दिल है !
साथ अरमानों के ये संदेश भेजा है !!
है लगावट लाग के साथ सम्भल ऐ दिल !
अब ज़िंदगी है की बला है, वो जा ये जा है !!... ''तनु''
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