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Wednesday, February 12, 2020

अब तो लो

अब तो लो फागुनी हवा ने,   सुधियाँ जगाई हैं! 
टेसू ने खिल खिल जंगल में,  शाखें जलायी हैं !!
फैली स्मृति सुगंध राहों में,     पी पी की टेर ले, ,,  
फूल, चिड़िया, आसमान, हवा, कहते दुहाई है !!... ''तनु''

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