आगया 2014 लीजिये नववर्ष की मंगल कामनाएं । इस बार हम ये जानेंगे कि आपकी जन्म पत्रिका के लग्न के हिसाब से 2014 में राहु और केतु का प्रभाव कैसा होगा ? 13 जुलाई 2014 से आगे आने वाले अठारह महीने और सारे लग्न प्रभाव।
राहु और केतु के प्रभाव
जैसा कि सब ये जानते हैं कि राहु सर है और केतु धड़ यानि राहु सिर्फ दिमाग और केतु बिना सर वाला मतलब कि जिसका दिमाग और आँखे भी नहीं। इनके काम भी वैसे ही सिर्फ सर वाले और सिर्फ धड़ वाले। कहा ये गया है कि राहु शनि वत् और केतु मंगल की तरह इंसान पर प्रभाव दिखाता है। यह भी सब जानते हैं कि ये दोनों छाया ग्रह हैं. 2014 में राहु कन्या राशि में जायेगा। कन्या राशि राहु की उच्च की राशि है। राहु जिस किसी भी राशि के साथ होता है तो ये उस राशि के लिए अच्छे से अच्छा प्रभाव दिखाने की चाहत रखता है। फिर चाहे वो व्यक्ति टीचर हो, राजनेता हो, अभिनेता हो , कम्प्यूटर प्रोग्रामर हो, या डॉक्टर हो।
क्या है ये कन्या राशि
कन्या राशि है स्वास्थ्य और हीलिंग, बीमारी को ठीक करना और कैसे अपने आप को ठीक रखना। सिम्बल क्या है (कन्या राशि एक लड़की नाव पर अपने हाथों में जड़ीबूटी और गेहूं लिए हुए ) जागरुकता और स्वास्थ्य ये हमारे समझने के लिए। कन्या राशि का स्वामी है बुध जो कि बहुत आलोचनात्मक है तुलनात्मक है तर्कशील है दूरतक सोच रखने वाला है। ये बताता है तर्क क्यों सही है, ये न्याय से राह रखता है। इसीलिए बुध तर्क में जीतता है हर बात या जिस बात का तर्क दिया जा रहा है वो सही है या नहीं, इसीलिए कन्या राशि साइन है वकील का विवाद का तर्क का ,वकील अध्ययन करता तर्क पूर्ण तरीके से विस्तृत रूप से जज के सामने पेश करता है।अब जबकि राहु कन्या राशि में है तो ये आव्हान करता है मनुष्य की उस सोच शक्ति को कि शरीर को , स्वास्थ्य को कैसे ठीक रखें। बहुत से व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कुछ हटके , कुछ अलग, दूर दूसरा कुछ करने के लिए सजग होंगे क्योकि राहु हर वो बात चीज जो परंपरा में हो पसंद नहीं करता वह पसंद करता है कुछ अलग कुछ हटके।राहु करता है नियमों का उल्लंघन। यहाँ बुध के साथ कन्या राशि में ये अच्छा खाओ स्वस्थ रहो लेकिन अगर ठीक नहीं हो तो डाक्टर के पास जाओ इलाज करवाओ। यहाँ राहु कहेगा न बाबा न मेरे पास ठीक होने के और भी दूसरे समाधान है जैसे रैकी है आयुर्वेद है छूकर हीलिंग है होम्योपेथी है ये सब है। इस प्रकार की शक्ति राहु आव्हान करता है उन उन घरों में जहाँ पर की आपकी पत्रिका में राहु है..
अब केतु के बारे में जान लेते हैं ; केतु गया है मीन राशि में यहाँ ये बहुत शांत ऐसा लगता कि जैसे सो ही गया हो यहाँ इसके पास कुछ काम नहीं है करने को मेष से लेकर कुम्भ राशि तक हर घर में वो एक सैनिक तरह लड़ता चला आया है क्योंकि ये मंगल के जैसा व्यवहार करता है और मंगल सैनिक है ,अब मीन राशि में आकर वह निश्चिन्त होकर आराम कर रहा है. इस प्रकार आपकी पत्रिका में केतु जिस जगह भी है यानि जिस घर में है वह कोई मतलब नहीं रखता कि क्या कुछ हो रहा है उस घर के साथ अच्छा हो रहा है या बुरा उसे कोई मतलब नहीं ।
मेष लग्न----आइए अब जानते हैं कि अगर आपका मेष लग्न है तो क्या होगा ? यदि मेष लग्न है तो राहु छठे घर में और केतु बारहवें घर में होगा। यहाँ ये दैनिक दिनचर्या में होने वाले कार्यों आपके व्यवहार का आलोचनात्मक और तर्क से विश्लेषण करके आपके काम को सही दिशा देगा चाहे देश में चाहे विदेश में राहु हर बाधा दूर करके काम आसान करेगा छठा घर बीमारी और दुश्मन का है यहाँ राहु बहुत चतुरता से रास्ते ढूंढ लेगा आपको स्वस्थ रखने के , दुश्मनों से, बाधाओं से बचने के कई रास्ते बनाकर आपकी मदद करेगा क्योंकि राहु का काम यहाँ मास्टर बन के ये सब करना है। दूसरी और बारहवें भाव में केतु व्यक्ति जानता है कि वो आध्यात्मिक है पर अभी मुझे उसकी जरुरत नहीं। मैं सब जनता हूँ आध्यात्म के बारे में , मैं जैसा चल रहा हूँ ठीक है ।
वृषभ लग्न ---- दूसरी राशि है वृषभ इस लग्न में राहु पांचवे घर में और केतु ग्यारहवें घर में प्रभाव इस प्रकार रहेगा वृषभ लग्न वालों का सारा ध्यान अपने बच्चों पर केंद्रित हो जाएगा बच्चे क्या कर रहे हैं वे पढ़ रहे हैं या नहीं उन्हें क्या करना चाहिए और अगर वृषभ लग्न वाले खुद ही पढ़ाई करनें वाले हैं तो उस पर ध्यान देंगे अपने करियर पर ध्यान देंगे। और जो राजनीति में दखल रखते हैं वे आलोचना करते पाये जायेंगे उसमें भी चाहेंगे दूसरी और केतु ग्यारहवें घर में व्यक्ति के नेटवर्क सर्कल की परवाह नहीं करता दोस्त कैसे है ? क्या कर रहे हैं ? कुछ नहीं उसके खुद के बड़े बच्चे क्या कर रहे हैं ? कोई बात नहीं व्यक्ति चाहे न चाहे लाभ होता रहेगा।क्योंकि यहाँ सारा ध्यान बच्चों शिक्षा राजनीति अपना करियर खुद का सृजनात्मक व्यवहार और अगर अभिनेता है तो अपने अभिनय को निखारने के बारे में सोचेगा।
मिथुन लग्न ----अब मिथुन लग्न की बात करते हैं इस लग्न में राहु चौथे घर में और केतु दसवें घर में ये प्रभाव दिखायेगा मिथुन लग्न के व्यक्ति अधिक से अधिक अपने घर की ओर ध्यान देंगे चाहे फिर वो अपना फिजिकल घर यानि ह्रदय पेट हो या फिर वो घर जिसमें कि वे रहते हों. वे चाहेंगे कि घर व्यवस्थित हो साफसुथरा हो हाँ यहाँ वे अपनी माँ की ओर भी ध्यान दे पाएंगे। वे अपने छाती पेट अंगों की विशेष तवज्जो देंगे।इसमें केतु दसवें घर में कर्म को दर्शाता है उसके लिए वे कोई वाद विवाद नहीं करेंगे उनके लिए मिथुन राशि वालों के लिए ये इसबार सिर्फ और सिर्फ अपना शरीर अपना घर महत्व् रखेगा वे ऑफिशियल वर्क की ओर ध्यान नहीं देंगे।
कर्क लग्न ---- अब कर्क राशि के लग्न में राहु तीसरे घर में भाग्य के घर में आध्यात्मिक रूप से रह रहे केतु की दृष्टि में बहुत ही सुन्दर तरीके से राहु अपना तीसरे घर में रहते हुए अपना काम करता है और वो काम है अपने पास -पड़ोस , घर -परिवार , छोटी यात्रा , कोई सृजनात्मक कार्य , अपने भाई बहनों से रिश्ते , कोई काम कैसे कलात्मक तरीके से हो सकता है यहाँ राहु देता हे साहस बहादुरी तीसरा घर बिलकुल निकट के रिश्तों का परिबोध करता है उनके काम परफेक्शन से करता है राहु और नवें भाव में बैठा केतु इस राहु के काम को सहज होने देता है..
सिंह लग्न ----अब सिंह लग्न में राहु का प्रभाव यहाँ राहु दूसरे घर में और केतु आठवें घर में विचरण करेगा यहाँ दूसरे घर में राहु ये घर जो कि धन कुटुंब और गले से सम्बद्ध है राहु विश्लेषक के रूप में सही तरीके से वित्तीय समस्या निपटाएगा धन का संयोजन करना चहेगा और गले का इंफेक्शन टांसिल्स दाँतों की देखभाल चेहरे की देखभाल करेगा कुटुंब के लिये भी सही सोच रखेगा।अचानक धन बनाने के नए विचार भी दिमाग में आ सकते हैं। इसके विपरीत केतु कोई गूढ़ बात नहीं रखेगा। विषय कि गम्भीरता विश्लेषण को भी जाने दीजिये वो भी मीन राशि के कारन ठन्डे दिमाग का होगा।
कन्या लग्न ---- अब आया कन्या लग्न इसमे व्यक्ति अपने शरीर के लिए मैं कैसा हूँ मोटा कहीं मेरा वजन तो बढ़ा नहीं रहा कहीं मैं अधिक दुबला तो नहीं इस लग्न वालों के लये ये सही समय है खुद को देखने का सातवें घर में केतु निर्लिप्त है अपने व्यापार भागीदारी अपने पति या पत्नी की तरफ से बिलकुल लापरवाह शांत।ये आपकी ओर ध्यान देंगे अठारह महीने के इस अंतराल के बाद जबकि केतु और राहु का ये समय इन घरों पर से निकल जायेगा समय बीत याएगा।
तुला लग्न ---- तुला लग्न के लिए राहु बारहवे घर में और और केतु छठे घर में इस समय इनमें ये बदलाव आएगा कि ये अचानक विदेश जाने की सोच सकते हैं अचानक से उनमें स्पिरिचुअल भावना जाग सकती है वे इसके सम्बन्ध में यात्रा भी कर सकते हैं। स्पिरिचुअल हीलिंग के लिए , अब जबकि तुला लग्न है तो ये आगे किसी नए व्यापार काम के सिलसिले में भी बाहर जा सकता है क्यों कि लिब्रा लोग बड़े ही जागरूक होते हैं इस बारे में। केतु को भी छठे घर में दैनिक दिनचर्या कैसी है काम कैसा हो रहा है हो भी रहा है या नहीं कोई बात नहीं राहु के साथ चल पड़ो बस।
वृश्चिक लग्न ----अब वृश्चिक लग्न कि बारी वृश्चिक लग्न में राहु ग्यारहवें घर में और केतु पांचवें घर में रहेगा यहाँ ये विदेशी नेटवर्क सर्कल बनाएंगे दोस्त जो लाभ दे विदेश के द्वारा हर दोस्त और ऐसे भागीदार का अच्छी तरह से जजमेंट कर लिया जायेगा कि कौन कहाँ कैसे लाभ प्रद है ये यहाँ अपने पैरों खास तौर पर अपने घुटनों की देखभाल पर ध्यान देंगे पांव पर खास ध्यान दिया जायेगा केतु पांचवें घर में अपने बच्चों पेट पिता किसी की ओर भी ध्यान न बस लाभ कैसे बढ़ाएं ये देखेगा।केतु कहता है मुझे तो देखना है कि कैसे अधिक धन बनायें अधिक से अधिक सर्कल बढ़ाया जाये लाभ कैसे ज्यादा से ज्यादा हो।
धनु लग्न ---- अब धनु लग्न कि बात करें धनु लग्न में राहु दसवें घर में और केतु चौथे घर में रहेगा। राहु इस घर में बड़ा करियर ओरियंटेड रहेगा और ऊँचे स्टेटस की भूख इनको रहेगी कोशिश करेंगे कि और और पाएँ अपने ऊँचे ओहदे के लिए कटिबद्ध रहेंगे छठे घर जैसे ही दसवां घर भी को वर्कर्स के लिए होता है को वर्कर्स को साथ लेकर चलते ऊँची अभिलाषा लिए यहाँ चौथे घर का केतु अपने घर को न देखकर परिवार घर माँ की परवाह न करके सिर्फ दसवें घर की सहायता करेगा। करियर को लेकर अगर परिवार को अनदेखा करना है तो है।
मकर लग्न ----मकर लग्न में राहु नवें घर में और केतु तीसरे घर में होगा यहाँ राहु होगा उच्चाभिलाषी अपने आध्यत्मिक अध्ययन के लिए तो राहु यहाँ सहायता करेगा मास्टर्स और डॉक्टररेट की पढाई में जो पढ़ रहे हैं वे मन लगाकर पढ़ेंगे। अगर कोई पढने वाला है तो ये अपने गुरु की उपदेशकों का आलोचनात्मक तरीके से विश्लेषण करेगा। विभिन्न धर्म और संस्कृति से सम्बंधित अध्ययन और यात्रा भी कर सकते हैं इस लग्न वाले व्यक्ति।वहीँ तीसरे घर में केतु अपने आसपास को बच्चों को भाई बहनों को नज़रअंदाज़ करके सिर्फ और सिर्फ राहु कि मदद करेगा उच्च अध्ययन के लिए यात्रा के लिए अन्य धार्मिक अध्यात्मिक कार्यो के अध्ययन के लिए..
कुम्भ लग्न ----अब कुम्भ लग्न की बात करें इस लग्न में राहु आठवें घर में और केतु दूसरे घर में होगा। जीवन की गहरी जिज्ञासा में गूढ़ता में स्वास्थ्य में धन बनाने जोड़ने में और संयुक्त सम्पत्ति की देखरेख में सूझ बूझ से कदम उठाएगा।स्वास्थ्य से संबधित जागरूकता मेष कन्या और कुम्भ लग्न वाले व्यक्ति 2014 में विशेष जागरूक रह पाएंगे। समुद्री यात्रा या समुद्र कि तरफ रुझान बढ़ेगा। और केतु सदा की तरह।
मीन लग्न ----अंतिम लग्न है मीन लग्न मीन लग्न में राहु सातवें घर में और केतु पहले घर में यहाँ केतु अपने प्रति लापरवाह।।। मैं क्या हूँ बढ़िया हूँ खुश हूँ. अधिक ध्यान देगा अपने स्पाउस की तरफ अपने व्यापार में काम करने वाले भागीदारों की तरफ। ये समय वकील डॉक्टर्स के लिए बेहतर रहेगा।
तो ये 2014 में सभी लग्नों के लिए राहु और केतु का प्रभाव ....