दर्द का आगाज़ न ढूँढ ,
आशिकी में ताज न ढूँढ !
मुहब्बत तो हर दिल में जिन्दा है,
मुमताज़ को कब्र में न ढूँढ !!
दीवाने तू पत्थर न खा,
पत्थर को सजा तू बुत बना !
जिस्म में जज्बात ढूँढ ,
बुत में आवाज़ न ढूँढ !!
मेरी ही तो कहानी है,
आँसुओं की ज़ुबानी है !
दिल में है तूफान ग़ुम,
समंदर में आँसू न ढूँढ!!
ये दिल की लगी है,
अंगूठी का नगीना नहीं है !
सब कुछ तो बयां कर दिया तुझे,
अब कुछ भी न राज़ ढूँढ !!....................24 09 1984 . तनुजा ''तनु''
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