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Kaavya
Sunday, February 23, 2014
या उदासी
फिर से मालवी में
या उदासी क्यों ?
छोड़ ईने ,
हँसी खुसी जिनगी बिता ,
कारन!!!
कई वे या नी
हाथां की लकीरां
से,
वातां करनी नी
उबो वे उछली पड़
अगास!!!
यो अगास वत्तो ऊँचो नी ................ तनुजा ''तनु ''
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