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Saturday, February 15, 2014

सत्य




एक फूँक से सत्य को उड़ा दोगे तुम,
ग़लतफ़हमी कि खुद को दग़ा दोगे तुम।
ये राख के नीचे दबी एक चिंगारी है ,
बुझ पाएगी कैसे ?? सत्य को समझोगे तुम .... ''तनु''

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