आतंकवादी
तुझे कुछ याद नहीं होगा ,
खून बहा क्यों बहा ?
दिल किसी का रोया होगा,
वो आँसू बहा क्यों बहा ?
पल में बदन राख हुए ,
पल में रुण्ड विखण्ड हुए !
तुझे कारण क्या पता ,
वो मजलूम मरा क्यों मरा !
तुझे कुछ याद नहीं होगा;
खून बहा क्यों बहा ?
बिन मकसद अत्याचार,
इंसानियत पर होता वार !
ऊपर बैठा ईश्वर देखे
तू न डरा क्यों न डरा ??
तुझे कुछ याद नहीं होगा
खून बहा क्यों बहा ?
दिल किसी का रोया होगा
वो … वो आँसू बहा क्यों बहा ?
ज़ख्म दिखते न तलवों के ,
दिखते नहीं मन के घाव
राह ए तलब क्या यही है तेरी,
तू उस ओर बहा क्यों बहा
तुझे कुछ याद नहीं होगा
खून बहा क्यों बहा ?
दिल किसी का रोया होगा
वो … वो आँसू बहा क्यों बहा ?
आतंक … खून मासूमों का
और निगाहें सवाली ??
ईश्वर का बना इंसानियत का मंदिर
बोल ढहा क्यों ढहा !
तुझे कुछ याद नहीं होगा
खून बहा क्यों बहा ?
दिल किसी का रोया होगा
वो … वो आँसू बहा क्यों बहा ?
क्षितिज से उगता सूरज देख,
रात की बाहों में सो !
मानवतावादी था तू तो
आतंकवादी रहा क्यों रहा
तुझे कुछ याद नहीं होगा
खून बहा क्यों बहा ?
दिल किसी का रोया होगा
वो … वो आँसू बहा क्यों बहा ?
मज़हब से बड़ा मुल्क है ;
आतंक से बड़ी है मानवता !!
देख प्यार का मोल नहीं है ,
अब तो तू सम्हाल जा !!
तुझे कुछ याद नहीं होगा
खून बहा क्यों बहा ?
दिल किसी का रोया होगा
वो … वो आँसू बहा क्यों बहा ?