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Sunday, November 22, 2015

पाल कर रखी थीं कई गलतफहमियां .... 
जाने कौन ये आया तेरे मेरे दरमियां ??
तू दीखता नहीं बस पाँव की छाप है तेरी  , ,,,
अहा!!! यही तो हैं जीवन की खुशफ़हमियां !!

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