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Jyotish
Kaavya
Sunday, November 22, 2015
देखता हूँ मैं के चाँद है कहाँ ??
मिलता हूँ जा के मांद है कहाँ ??
क्षीर हूँ अधीर भी हो जाऊँगा ,,,,,,
नमक का सार हूँ खाण्ड है कहाँ ???
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