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Friday, November 20, 2015

नामा-ए-आमाल में दर्ज़ हैं मेरी शिकायतें ;
सूद-ओ-जियां में कटती हैं तेरी इनायतें !
तू तो कभी रोज़-ए-जज़ा से डरता ही नहीं , ,
कहा !!! ना मालूम फ़र्ज़ हैं सुनेरी रवायतें !!!तनुजा ''तनु ''

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